नई दिल्ली। लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में देश को नई ऊंचाईयों तक ले जाने का मंत्र दिया और कहा कि मुझे कभी लगता है कि अगर 125 करोड़ देशवासियों के सपनों को अगर मुझे जीना है, तो मुझे छोटा सोचने का हक़ भी नहीं है, और इसलिए जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का, तो देखना फिजूल है कद आसमान का...
इसी के साथ प्रधानमंत्री ने पीने के पानी की समस्या का भी उल्लेख किया और कहा कि हिंदुस्तान में पानी के संबंध में जितने भी पहल की गई थी, वो सारे काम बाबा साहब अंबेडकर ने किए थे। लेकिन जैसा मैंने पहले कहा शायद एक ऊंचाई पर जाने के बाद लोगों को दिखता नहीं है। सरदार सरोवर बांध का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बांध सरदार पटेल का सपना था। लेकिन इस डैम पर काम में देरी होती रही। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में, मुझे इस परियोजना के लिए उपवास तक करना पड़ा था। NDA के सत्ता में आने के बाद इसके काम की गति में वृद्धि हुई और आज इससे लोगों को लाभ हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने आगे पानी की समस्या पर कहा कि यह एक बहुत बड़ी समस्या है और हमें पानी को बचाना चाहिए। पानी की तकलीफ राजस्थान और गुजरात के लोग ज्यादा जानते हैं और इसी वजह से हमने जल शक्ति मंत्रालय बनाया है। जल संचय पर हमें बल देना पड़ेगा नहीं तो जल संकट बढ़ता चला जाएगा। उन्होंने कहा कि पानी बचाना है, ये काम करके हम सामान्य मानवी की जिंदगी को बचा सकते हैं। पानी का संकट दूर करके हम गरीबों और माताओं को बड़ी सहुलियत दे सकते हैं।
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